यूपी बोर्ड परीक्षा को लेकर छात्रों में है नाराजगी, जानें वजह, 22 फरवरी से होंगी परीक्षाएं

यूपी बोर्ड परीक्षा :  एशिया की सबसे बड़ी परीक्षा संस्था यानी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 22 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं. खास बात यह है कि यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षाएं 22 फरवरी से 9 मार्च के बीच 12 कार्य दिवसों में आयोजित की जाएंगी. यूपी बोर्ड ने सबसे पहले 07 दिसंबर को बोर्ड परीक्षाओं का शेड्यूल जारी किया था. हालांकि, अब यूपी बोर्ड परीक्षाओं के शेड्यूल को लेकर छात्रों और शिक्षकों की नाराजगी भी सामने आ रही है. माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुए यूपी बोर्ड ने ऐसा कदम उठाया है.

शिक्षकों और परीक्षार्थियों का कहना है कि उन्हें परीक्षा के बीच में कोई गैप नहीं मिल रहा है. ताकि वह रिवीजन कर सके. इसके अलावा हाईस्कूल के छात्रों की दो विषयों की परीक्षाएं भी एक ही दिन आयोजित की गई हैं। पांच मार्च को हाईस्कूल में प्रथम पाली में गृह विज्ञान की परीक्षा आयोजित की गई है। जबकि दूसरी पाली में कंप्यूटर की परीक्षा हुई है. ऐसे में उन्हें मैनेज करने में दिक्कत होगी. खासकर छात्राओं का कहना है कि उनका परीक्षा केंद्र घर से 10 से 12 किलोमीटर दूर भेज दिया गया है. ऐसे में दोनों पालियों में परीक्षाएं होने से उन्हें रिवीजन का मौका नहीं मिलेगा और मानसिक दबाव भी रहेगा।

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बोर्ड परीक्षाएं डेढ़ माह तक चलती थीं

विद्यावती दरबारी गर्ल्स इंटर कॉलेज की प्रधानाचार्य डॉ. सरोज यादव का कहना है कि पहले बोर्ड परीक्षाएं एक से डेढ़ महीने तक चलती थीं। प्रत्येक पेपर के बीच में बच्चों को तैयारी का भरपूर मौका दिया गया। विशेषकर गणित, अंग्रेजी और विज्ञान जैसे कठिन विषयों के प्रश्नपत्रों में अंतराल रखा गया। ताकि बच्चे अच्छे से रिवीजन कर सकें और परीक्षा में शामिल हो सकें। लेकिन यूपी बोर्ड द्वारा जल्दबाजी में तैयार किए गए शेड्यूल से बच्चों को पेपर देने में दिक्कत होगी।

परिणाम प्रभावित हो सकता है

इंटरमीडिएट की प्रवक्ता डॉ. गार्गी श्रीवास्तव कहती हैं कि एक तरफ बच्चों के मनोविज्ञान की बात की जाती है। बच्चे परीक्षा को लेकर तनाव मुक्त रहें और आराम से परीक्षा दे सकें। वहीं दूसरी ओर उन पर थोपा गया शेड्यूल उनके नतीजों पर भी असर डाल सकता है. उनका कहना है कि अब यूपी बोर्ड में हर विषय का एक पेपर होता है. जिसके कारण बच्चों पर पहले से ही काफी मानसिक दबाव रहता है। उन्होंने यूपी बोर्ड के जिम्मेदार अधिकारियों से मांग की है कि अभी भी पर्याप्त समय है। यूपी बोर्ड परीक्षा का संशोधित शेड्यूल जारी कर सकता है.

सीबीएसई बोर्ड परीक्षा 15 फरवरी से होगी

शिक्षकों का भी कहना है कि हर वक्त जल्दबाजी में रहना बच्चों के हित में नहीं है. शिक्षकों का कहना है कि अगर सीबीएसई बोर्ड की बात करें तो सीबीएसई बोर्ड की इंटरमीडिएट परीक्षाएं 15 फरवरी से 2 अप्रैल तक आयोजित की जा रही हैं. सीबीएसई बोर्ड ने उम्मीदवारों को सभी विषयों का अध्ययन और रिवीजन करने के लिए पर्याप्त समय दिया है। शिक्षकों की मांग है कि विषयों की कठिनाई और सरलता को देखते हुए प्रश्नपत्रों के बीच पर्याप्त समय दिया जाए.

55 लाख स्टूडेंट देंगे एग्जाम

गौरतलब है कि यूपी बोर्ड की 2024 की 10वीं और 12वीं की परीक्षा में 55 लाख 8 हजार 206 विद्यार्थियों का पंजीकरण हुआ है. हाईस्कूल में 15 लाख 71 हजार 686 छात्र और 13 लाख 75 हजार 638 छात्राओं को मिलाकर कुल 29 लाख 47 हजार 324 परीक्षार्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. जबकि इंटरमीडिएट में 14 लाख 12 हजार 806 छात्र और 11 लाख 48 हजार 76 छात्राओं को मिलाकर कुल 25 लाख 60 हजार 882 परीक्षार्थीयों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. जबकि पिछले साल हाईस्कूल और इंटरमीडिएट में कुल 58 लाख 84 हजार 634 परीक्षार्थियों का पंजीकरण हुआ था.

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